आम की खेती: एक सफल फलोत्पादन व्यवसाय की सम्पूर्ण जानकारी
भारत में फलों का राजा कहे जाने वाले आम का स्वाद, सुगंध और आर्थिक महत्व इसे किसानों के लिए एक लाभकारी फसल बनाता है। यदि वैज्ञानिक विधियों और उचित प्रबंधन के साथ इसकी खेती की जाए, तो यह एक दीर्घकालिक और स्थायी आमदनी का जरिया बन सकता है। यहां हम आम की उन्नत किस्मों, रोपण विधि, दूरी, समय, सिंचाई, खाद प्रबंधन और तुड़ाई तक की समस्त जानकारी साझा कर रहे हैं।
उन्नत किस्में (Improved Varieties)
आम की किस्में उनके पकने के समय के अनुसार विभिन्न वर्गों में आती हैं:
मई के अंत से जून की शुरुआत तक पकने वाली किस्में:
मिठुआ
सुंदर प्रसाद
रानी पसंद
गुलाबखास
बम्बई
जरदालु
सुभवर्मा
एल्फान्जो
गोपाल भोगा
जून में पकने वाली किस्में:
लंगड़ा (मालदह)
हेमसागर
हुंसआरा
अमन दशहरी
कृष्णाभोग
बेनज़ीर
भरत भोगा
जुलाई में पकने वाली किस्में:
फजली
शुकुल
सिपिया
तैमूरिया
अगस्त में पकने वाली किस्में:
समर बहिस्त
चौसा
बारामसिया
कटकी
भदुसी आदि
बहुउपयोगी, संकर एवं अनुसंधान केंद्रों द्वारा विकसित किस्में:
महमूद बहार
प्रेमशंकर
राजेन्द्र आम-1
राजेन्द्र आम-2
आम्रपाली
रत्ना
मल्लिका
मंज़ीरा
सबरी
जवाहर
सिंधु
अर्का अरुणा
अर्का पुनीत
अर्का अनमोल
अर्का नीलकिरण
मेनका
अल्फजली
सुंदर लंगड़ा
सुभाष
पूसा अरुणिमा
लगाने की विधि (Planting Method)
अप्रैल–मई माह में 1 मीटर × 1 मीटर × 1 मीटर आकार के गड्ढे खोदें।
इन गड्ढों में निम्न सामग्रियों को मिलाकर भरें:
सड़ी गोबर की खाद – 40 किलोग्राम
नीम की खली – 1.0 किलोग्राम
सिंगल सुपर फॉस्फेट – 2 किलोग्राम
म्यूरिएट ऑफ पोटाश – 250 ग्राम
इन सबको मिट्टी में अच्छी तरह मिलाकर गड्ढे को भर दें।
पौधों की दूरी (Spacing Between Plants)
सामान्यत: पौधों को 10 मीटर × 10 मीटर की दूरी पर लगाएं।
अन्य विकल्प:
12 × 12 मीटर
12 × 10 मीटर
10 × 5 मीटर
10 × 2.5 मीटर (घनी बागवानी के लिए)
पौधारोपण का समय (Planting Time)
आम का पौधारोपण मुख्यतः अप्रैल से मई माह के बीच किया जाता है।
गड्ढे पहले से खोदकर खाद एवं मिट्टी मिश्रण डालकर तैयार रखें।
सिंचाई व्यवस्था (Irrigation Management)
मानसून के समय पौधों के चारों ओर घेरा बनाकर सिंचाई करें।
फल लगने के समय (जून–जुलाई) में नियमित रूप से पानी देना जरूरी होता है, ताकि फल झड़ने से बचें और अच्छी गुणवत्ता प्राप्त हो।
खाद प्रबंधन (Fertilizer Application)
रोपण के समय (जून में) गड्ढे में पहले ही खाद डाल दी जाती है।
हर वर्ष जनवरी–फरवरी माह में निम्न उर्वरकों का प्रयोग करें:
नाइट्रोजन – 400 ग्राम प्रति पौधा
फॉस्फोरस – 250 ग्राम प्रति पौधा
पोटाश – 300 ग्राम प्रति पौधा
तुड़ाई (Harvesting of Fruits)
आम की तुड़ाई जून से जुलाई के बीच की जाती है।
जब फल का रंग बदलने लगे और उसमें से विशेष सुगंध आने लगे, तब तुड़ाई के लिए उपयुक्त समय होता है।
एक विकसित पौधे से 50–100 फल तक प्राप्त हो सकते हैं, जो उसकी देखभाल और किस्म पर निर्भर करता है।